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कंप्यूटर क्या है What is Computer in Hindi

शनिवार, 28 जनवरी 2023
भारत में शायद ही कोई ऐसा पढ़ा लिखा व्यक्ति होगा जिसने कंप्यूटर का नाम ना सुना हो,  ज्यादातर लोगों कंप्यूटर को एक मशीन मानते हैं, जो सब कुछ कर सकती है ‌.हल्की यह कहना तो सही नहीं होगा कि कंप्यूटर सब कुछ कर सकता है , परंतु इसमें संदेह नहीं कि वह बहुत कुछ कर सकता है और वह भी बहुत कम समय में तथा सही-सही यही कारण है कि दुनिया में कंप्यूटरों की संख्या बढ़ती जा रही है, 
सबसे पहले तो यह समझना जरूरी है कि कंप्यूटर  (computer) एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक केलकुलेटर होते हैं, कैलकुलेट रूम पर हम जोड़ना, घटाना आदि गणितीय क्रिया करते हैं, जबकि कंप्यूटर पर हम इन क्रियाओं के अलावा भी बहुत से काम करते हैं, इन कामों को डाटा प्रोसेसिंग कहा जाता है, डाटा प्रोसेसिंग को समझने के लिए डेटा को समझना जरूरी है,

 डाटा  (Data)

किसी वस्तु के बारे में किसी तत्व जानकारी को  'डाटा ' कहा जाता है . उदाहरण के लिए, जिसस हम लिखते हैं
 बारे में कोई जानकारियां हो सकती है, जैसे पेन का वजन ,उसका रंग ,उसकी लंबाई ,उसकी कीमत ,बनाने वाली कंपनी का नाम आदि , इस प्रकार के विद्यार्थी         ( student) के बारे में ये बातें जानी जा सकती हैं  -     नाम , रोल नंबर ,जन्मतिथि ,पिता का नाम ,कक्षा , लिए गए विषय ,घर का पता आदि . ये सभी बातें डाटा के उदाहरण हैं .‌‌‌‌‍‌‌‌‌‌
डाटा मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं- संख्यात्मक (numeric) तथा चिन्हात्मक ( Alpha - numeric)  अंकों  ( Digits ) से बने हुए डाटा को संख्यात्मक डाटा कहा जाता है , जैसे रोल नंबर ., लंबाई , प्राप्तांक , मूल वेतन आदि . संख्यात्मक डाटा में हम केवल 0 1,2,3,4,5,6,7,8, तथा 9 इन 10 अंकों का प्रयोग करते हैं और इनके साथ दशमलव बिंदु ( .)  तथा धन  (+)  और ऋण  (-) चिन्हों का प्रयोग कर सकते हैं .   जुड़ना , घटाना, गुणा करना, भाग देना आदि अंकगणितीय क्रियाएं केवल संघात्मक डाटा पर की जा सकती है. चिन्ह नात्मक डाटा उस डाटा से कहा जाता है जिनमें अक्षरों , अंकों तथा दूसरे किसी भी चीन् का प्रयोग किया जा सकता है, जैसे घर का पता , नाम ,लिए गए विषय, कंपनी का नाम आदि . जिन्हात्मक डाटा पर जुड़ना , घटाना आदि  अंकगणितीय क्रियाएं नहीं की जा सकती, परंतु हम उनकी जांच या तुलना    ( comparison  ) कर सकते हैं .
 सूचना ( information )
 हमारे यहां तो मेरे पास बहुत तरह के डाटा का भंडार होता है, परंतु वह सारा हमारे लिए हमेशा उपयोगी नहीं होता, क्योंकि डाटा अलग-अलग बिखरे हुए अव्यवस्थित तथ्य हैं, जिससे कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता. उदाहरण के लिए किसी कक्षा में पढ़ने वाले लड़कों की अलग-अलग उम्र हमारे लिए डाटा है, परंतु हमें उस कक्षा की औसत उम्र ( Average Age ) की जरूरत है, यह हमारे लिए उपयोगी है, उपयोगी डाटा को कंप्यूटर की भाषा में ,सूचन‌‌ , कहा जाता है . हम डाटा इकट्ठा ही इसलिए कहते हैं कि उसमें से सूचना निकाल सके. इसके लिए हमें डाटा पर कुछ क्रियाएं करनी पड़ती है. जैसे विद्यार्थियों की अलग-अलग उम्रो में से औसत उम्र पता करने के लिए, पहले हम उन सबकी उम्रौ को जोड़ेंगे, फिर सभी विद्यार्थियों को गिनेंगे और अंत मैं उम्रो के जोड़ में विद्यार्थियों की संख्या या गिनती से भाग देंगे.  इससे उनकी औसत उम्र निकल जाएगी .

  डाटा प्रोसेसिंग ( Data processing)

 जुड़ना ,गिनना, भाग देना आदि जो कार्य हमें करने पड़े , उन्हें 'प्रोसेसिंग 'कहा जाता है, डाटा से सूचना निकालने के लिए हमें बहुत से सी क्रिया करनी पड़ती है ,उन सब क्रियाओं को 'डाटा प्रोसेसिंग 'कहा जाता है डाटा प्रोसेसिंग हम कागज कलम लेकर हाथ से भी कर सकते हैं परंतु आजकल हम यह काम कंप्यूटर की सहायता से करते हैं. लेकिन कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है. इसलिए हम सारी क्रिया को  इलेक्ट्रॉनिक डाटा प्रोसेसिंग
Electronic data processing)  या संक्षेप में ई.डी.पी  (E.D.P)  कहां जाता है.

 कंप्यूटरो का महत्व (importance of computer)

 आजकल हर आदमी जिसने कंप्यूटर का नाम सुन रखा है, इसका महत्व जानता है. बड़ी-बड़ी कंपनियों और सरकारी दफ्तरों में डाटा को स्टोर करने और उसकी देखभाल करने में तो कंप्यूटर का प्रयोग होता ही है, बिजली के बिल बनाने रेलों में  सीटों का आरक्षण 
 ( Reservation) करने जैसे आम जनता के कार्यों में भी कंप्यूटर का बहुत उपयोग होने लगा है. पूरा दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है. शिक्षा तथा मनोरंजन के क्षेत्र में कंप्यूटर का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. वर्तमान वस्त्र दिनचर्य के समय में जीवन के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में कंप्यूटर का प्रयोग अनिवार्य हो गया है, क्योंकि हमें अमूल्य समय का सदुपयोग करना है.दूसरे, आंकड़ों की भर्ती संख्या के कारण उनका मानव द्वारा रखरखाव करना जटिल होता जा रहा है.

 कंप्यूटर मानव मनुष्य (Computer V/s Human Being)

कंप्यूटर के बहुत से कामों को देख कर आप सोचते होंगे कि इनमें बुद्धि ,होगी परंतु वास्तव में कंप्यूटर में एक छोटे से कीड़े के बराबर बुद्धि नहीं होती.  वह केवल दिए गए आदेशों का पालन करता है. इतने  से ही वह बहुत से काम कर लेता है. हमें उससे छोटे से छोटा काम कराने के लिए भी पूरे आदेश देने पड़ते हैं. बिना आदेश दिए वह कुछ नहीं कर सकता.  यदि हमारे दिए गए आदेश सही होंगे, तो काम भी सही -सही होगा अगर आदेश गलत होंगे, तो काम भी गलत हो जाएगा. कंप्यूटर को सही आदेश देना और उससे बड़े-बड़े कार्य करा लेना भी एक कला है. कंप्यूटर के काम करने के तरीके की तुलना हम खुद अपने काम करने के तरीके से कर सकते हैं. हम अपने कानों से सुन कर तथा आंखों से देख कर कोई पास समझते हैं, अपने दिमाग से उस पर विचार करते हैं और उसे याद रखते हैं तथा अपने हाथ पर या मुंह से उसका उत्तर देते हैं यानी एक्शन लेते हैं . कंप्यूटर भी लगभग इसी तरह काम करता है. अपने इनपुट यूनिट से वो डाटा और आदेश लेता है, मेमोरी में उन्हें स्टोर करता है, प्रोसेसर पर उनका पालन करता है और आउटपुट यूनिट पर परिणाम दे देता है. परंतु मनुष्य और कंप्यूटर में सबसे बड़ा अंतर यह है कि हमारे काम करने की गति बहुत धीमी होती है, जबकि कंप्यूटर के काम करने की गति बहुत तेज होती है. इसीलिए हिसाब किताब का जो काम हम घंटों में कर पाते हैं कंप्यूटर उसे सेकेण्डों में कर  डालता है . दूसरा मुख्य अंतर यह है कि इलेक्ट्रॉनिक मशीन होने के कारण कंप्यूटर ना तो मनुष्य की तरह थकान अनुभव करते हैं और ना ही बोरिंग होते हैं . यही कारण है कि वह एक सरकार कितनी ही बार उसी गति एवं शुद्धता से बिना एक एकाग्रता खोए करते रह सकते हैं .

कंप्यूटर बनाम केलकुलेटर(computer vs calculator )

  कुछ लोग कंप्यूटर को एक अच्छी क्वालिटी का केलकुलेटर ही समझते हैं . ऐसा सोचना सही नहीं है. केलकुलेटर में हम केवल जोड़ना ,घटाना ,गुड़ा करना , भाग देना आदि गणित की क्रियाएं ही कर सकते हैं, परंतु कंप्यूटर में हम इससे कहीं ज्यादा काम कर सकते हैं.दूसरी बात , केलकुलेटर हमारे डाटा को स्टोर करके नहीं रख सकता , जबकि कंप्यूटर में डाटा का भंडार रखा जा सकता है. तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि केलकुलेटर हमारे आदेशों का याद नहीं रख सकता. जितनी बार भी हमें जोड़ने की क्रिया करनी हो ,उतनी ही बार हमें ( +) वाला बटन दबाना पड़ता है. लेकिन कंप्यूटर में हम अपने ढेर सारे आदेश अर्थात प्रोग्राम भर सकते हैं और ऑटोमेटिक तरीके से उनका पालन करा सकते हैं ,

कंप्यूटर बनाम टाइपराइटर (computer v/s typewriter )

बहुत से लोग कंप्यूटर को टाइपराइटर का बड़ा भाई या कोई छोटी मोटी प्रिंटिंग मशीन ही मानते हैं. यह बात भी सही नहीं है. टाइपराइटर में हम एक टाइप करके अधिक से अधिक एक पेज छपवा सकते हैं, जिसकी चार या पांच कार्बन कॉपी भी निकल सकती है. परंतु कंप्यूटर में हम एक बार में सैकड़ों पन्नों की रिपोर्ट छुपा सकते हैं और उसे दोबारा टाइप किए बिना जितनी बार चाहे उतनी बार छपवाया जा सकता है. इससे भी बड़ी बात यह है कि कंप्यूटर में हम अपने आदेशों से रिपोर्ट में अपनी इच्छा से कैसा भी सुधार करके फिर से छपवा सकते हैं, जो टाइपराइटर में कभी भी नहीं किया जा सकता.

कंप्यूटर के गुण(characteristics of computer)

 अब तक आप कंप्यूटर के बहू से गुणों के बारे में जान गए होंगे. इन्हीं गुणों के कारण कंप्यूटर आजकल मनुष्य का सबसे बड़ा और विश्वास करने योग्य मित्र बन गया है. उसके कुछ मुख्य गुण इस प्रकार है किसी भी काम को बहुत तेज गति से करना, जो और जितना काम बताया जाए वह और उतना ही काम करना, हर काम को पूरी तरह सही सही करना, अपनी ओर से कोई भूरिया गलती ना करना, अपना काम बिना रुके बिना किसी मदद के करते रहना, आंकड़ों के भंडार को कम जगह में संग्रह.  करके रखना तथा आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सफलता से तुरंत उपलब्ध बंद कराना आदि

कंप्यूटर अपना काम कैसे करता है( how does computer work?)

  1.  इनपुट के साधन जैसे की-बोर्ड माउस ,स्केनर आदि के द्वारा हम अपने निर्देश प्रोग्राम तथा इनपुट डाटा प्रोसेसर को भेजते हैं.
  2.  स्टोरेज प्रणालीभविष्य प्रयोग के लिए सूचनाओं को संग्रह के माध्यमों जैसे हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क आदि पर एकत्र किया जा सकता है .
  3. प्रोसेसिंग प्रोसेसर हमारे निर्देश तथा प्रोग्राम का पालन करके कार्य संपन्न करता है
  4. आउटपुट प्रोग्राम का पालन हो जाने पर आउटपुट को स्क्रीन प्रिंटर आदि साधनों पर भेज दिया जाता है.

कंप्यूटर की कार्यप्रणाली

कंप्यूटर कोई भी कार्य स्वयं नहीं करता है बल्कि हमारे निर्देश पर किसी प्रोग्राम के अनुसार ही कार्य करता है. प्रत्येक प्रोग्राम को कोई कार्य करने के लिए इनपुट डाटा की आवश्यकता होती है. हम इनपुट साधनों जैसे कि - बोर्ड ,माउस ,स्कैनर आदि के द्वारा अपना इनपुट डाटा तथा प्रोग्राम कंप्यूटर को देते हैं या भेजते हैं.
कंप्यूटर की सी पी यू अथवा प्रोसेसर द्वारा हमारे दिए गए आदेशों अर्थात प्रोग्राम का पालन किया जाता है. Yah p यह प्रोग्राम इस तरह से लिखा होता है कि उसका ठीक-ठीक पालन करने से कोई काम पूरा हो जाता है प्रोग्राम का पालन पूरा हो जाने पर अथवा बीच में ही प्रोग्राम का परिणाम अथक आउटपुट किसी आउटपुट साधन जैसे स्क्रीन या प्रिंटर पर भेज दिया जाता है जिसे हम देख तथा पढ़ सकते हैं. यदि आप ग्राम्या और पुटिया दोनों को भविष्य में प्रयोग करने के लिए सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो उन्हें सूचना संक्षिप्त करने के विशेष साधनों जैसे फ्लॉपी डिस्क या हार्ड डिस्क पर भेजकर सूचित कर सकते हैं.
Item Reviewed: कंप्यूटर क्या है What is Computer in Hindi Description: Rating: 5 Reviewed By: Brejesh Kumar